Vasant Panchami की कथा और पौराणिक महत्व

Vasant Panchami की कथा और  इसका पौराणिक महत्व |  आ आज के इस लेख में मैं आपको बताने वाला हूं कि हम वसंत पंचमी क्यों मनाते हैं ? बसंत पंचमी मनाने का कारण क्या है ? और बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व क्या है ? 


Vasant Panchami in Hindi
Vasant Panchami in Hindi


Vasant Panchami in hindi



हम भारत के एक प्रसिद्ध त्यौहार के बारे में बात करने वाले हैं  जोकि एक धार्मिक, पौराणिक और ऐतिहासिक त्योहार है और वह है वसंत पंचमी. 


वसंत पंचमी कब मनाई जाती है



बसंत पंचमी का त्योहार हर साल जनवरी या फरवरी के महीने में आता है. और अगर हम हिंदू कैलेंडर के हिसाब से कहें तो यह त्यौहार  माघ के महीने में आता है.


माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन बसंत पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है. ऐसा हम कहते हैं कि वसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है और उसी दिन से सर्दी कम होनी शुरू हो जाती है जैसे कि एक कहावत है आया बसंत पहला उड़ान. 


बसंत ऋतु के शुरू होने से बागों में फूल खिलने लगते हैं, फसलें लहलहा ने लगते हैं, सरसों के पीले फूल नजर आने लगते हैं और चारों तरफ हरियाली सी छा जाती है. 


बसंत पंचमी का त्योहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश और कहीं राष्ट्रों में भी हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. बसंत पंचमी का अर्थ क्या है ? वसंत यानी बसंत ऋतु और पंचमी यानी माघ शुक्ल पक्ष का पांचवा दिन इसे बसंत पंचमी कहते हैं. 


बसंत पंचमी के पीछे क्या कथा है ? बसंत पंचमी क्यों मनाई जाती है
कहते हैं कि ब्रह्मा जी ने विष्णु जी की आज्ञा से इस ब्रह्मांड की रचना की यानी मनुष्यों की रचना की तो उन्हें इस में कुछ कमी लगी तो उन्होंने विष्णु जी की आज्ञा लेकर अपने कमंडल में से ज्वाला धरती पर छिड़का जिससे वनस्पति के बीच में एक देवी शक्ति प्रकट हुई और उसके चार हाथ है थे. एक हाथ में वीणा और दूसरा हाथ वर की मुद्रा में था, तीसरे और चौथे हाथ में किताब और माला थी.


और ब्रह्मा जी ने उनको अपनी वीणा बजाने के लिए कहा जब उन्होंने  वीणा बजाई तो चारों तरफ  हरियाली फैल गई और चीजों को वाणी बरामद हुई. इससे पहले कोई भाषा  या वाणी नहीं थी तो इस दिन से वसंत पंचमी की शुरुआत हुई.


बसंत पंचमी को माता सरस्वती के नाम से मनाया जाता है. बसंत पंचमी की जो पूछा है वह माता सरस्वती की पूजा से ही शुरू होती है. अब बात करते हैं कि बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व क्या है ?

बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व



बसंत पंचमी हमें सबसे पहले त्रेता युग में ले जाती है. जब राम जी और लक्ष्मण जी सीता माता को ढूंढते हुए दक्षिण की ओर बढ़े तो वह रास्ते में दंड करण आता है. जहां पर माता  भीलनी रहती थी. 


जब उन्हें राम जी के दर्शन हुए तो वह अपनी सुध बुध खो बैठे और उन्होंने बेरो को चख कर श्री राम जी को खिलाया और यह जिस दिन राम जी शबरी माता को मिले वह बसंत पंचमी का ही दिन था. 


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यह इलाका मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच में आता है और गुजरात में मा शबरी का मंदिर भी है. और लोग वहां पर एक शीला को पूजते हैं  जोकि राम जी उसी शीला पर बैठे हुए थे. इस तरह से बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व बहुत है.


तो दोस्तों  यह थी वसंत पंचमी के बारे में कुछ बातें ( Vasant Panchami in Hindi ) कि हम बसंत पंचमी क्यों मनाते हैं, बसंत पंचमी का पौराणिक महत्व क्या है. इस लेख को आप अपने मित्रों को भी जरूर शेयर करें ताकि वह भी इस त्योहार के बारे में जान सकें. धन्यवाद.



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