Mahatma Gandhi biography in Hindi | महात्मा गांधी का जीवन परिचय
दोस्तों आज हम भारत के एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने वाले हैं जिसे की पूरी दुनिया जानती है. आज हम बात करने वाले हैं महात्मा गांधी जी के बारे में, महात्मा गांधी के जीवन परिचय के बारे में. महात्मा गांधी के जन्म से लेकर उनके अंत तक की पूरी कहानी जानने के लिए आप इसे पूरा जरूर पढ़ें.
Mahatma Gandhi in Hindi |
Mahatma Gandhi in Hindi biography
दोस्तों आज हम एक आजाद भारत मैं सास लेते हैं जोकि अंग्रेजो से हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी. और दोस्तों देश को आजाद कराने के लिए ना जाने कितने ही लोगों ने अपना जीवन तक न्योछावर कर दिया था. हाला कि यहां भी आजादी के लिए लड़ने वाले खास कर दो अलग-अलग विचारधाराओं के लोग थे. जिनमें से एक तरफ तो वो लोग थे जो कि आजादी को अपनी ताकत के दम पर हासिल करना चाहते थे तो वहीं कुछ लोग शांति पूर्वक अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए आजादी हासिल करना चाहते थे.
और दोस्तों इन्ही अहिंसक वादी लोगों में से एक थे राष्ट्रपिता कहे जाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी जीन्है कि हम सभी आमतौर पर महात्मा गांधी के नाम से जानते हैं. और दोस्तों गांधीजी भारतीय इतिहास के वह व्यक्ति हैं जिन्होंने देश हित के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई की है और उन्ही की तरह ही हजारों वीरों की वजह से हमारा देश 1947 में आजाद हो सका था. तो दोस्तों आज के इस लेख में हम भारत के सबसे लोकप्रिय लोगों में से एक महात्मा गांधी के जीवन के बारे में जानेंगे कि किस तरह से अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले महात्मा गांधी ने अंग्रेजी हुकूमत को हिला के रख दिया था.
महात्मा गांधी का जीवन परिचय हिंदी में
इस कहानी की शुरुआत होती है 2 अक्टूबर 1869 से. जब गुजरात के पोरबंदर शहर में महात्मा गांधी जी का जन्म हुआ था. उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और उनके माता का नाम पुतलीबाई था. वैसे तो गांधी जी का जन्म पोरबंदर में हुआ था पर जन्म के कुछ सालों बाद ही गांधी जी का पूरा परिवार राजकोट शहर में आकर बस गया था. और गांधी जी ने अपनी शुरुआत की पढ़ाई भी राजकोट से ही की थी.
9 साल की उम्र में पहली बार स्कूल जाने वाले महात्मा गांधी जी शुरू से ही बड़े शर्मीले थे और उन्हें बचपन से ही किताबें बहुत पसंद थी और आगे चलकर 13 साल की उम्र में ही गांधी जी की शादी हो गई थी. और उनकी धर्मपत्नी का नाम था कस्तूरबा. आपको यह जानकर यह सवाल आया होगा कि इतनी छोटी उम्र में शादी कैसे हो सकती हैं ? दरअसल उस समय में छोटी उम्र में ही शादि हो जाती थी. जब गांधी जी 15 साल के थे तब उनके पिता करमचंद गांधी का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद 1 साल बाद गांधीजी का पुत्र भी हुआ पर उस पुत्र के जन्म के कुछ साल बाद ही उसका निधन हो गया. और इस तरह गांधीजी के ऊपर मानो दुखों का पहाड़ गिर गया हो. हालांकि इन कठिन परिस्थितियों में भी गांधीजी ने अपने आप को और अपने परिवार को संभाला.
और फिर 1887 में अहमदाबाद से उन्होंने अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की. और आगे की पढ़ाई के लिए मावजी दवे जोशी जी की सलाह से गांधीजी ने London जाने का फैसला लिया. और वहां जाकर वह Law की पढ़ाई करना चाहते थे. हालांकि उनकी मां यह नहीं चाहती थी की गांधीजी उनके परिवार से दूर रहे. पर कैसे भी करके उन्होंने अपनी मां को मनाया और 4 सितंबर 1888 को Law के लिए चले गए. 1891 में पढ़ाई पूरी करके अपने वतन भारत वापस लौट आए.
विदेश में पढ़ाई करने के बावजूद भी उन्हें भारत में नौकरी के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी थी. फिर 1893 में दादा अब्दुल्ला नाम की एक भारतीय कंपनी में उन्हीं नौकरी मिल गई थी. और इस नौकरी के लिए उन्हें साउथ अफ्रीका जाना पड़ा था. और साउथ अफ्रीका में बिताए गए दिनों गांधी जी के लिए बहुत ही कठिन थे. क्योंकि वहां पर उन्हें भेदभाव का काफी सामना करना पड़ा था और इसी भेदभाव ने गांधीजी को इतना सक्षम बना दिया था कि वह लड़ने के लिए भी तैयार हो गए थे.
गांधीजी को केवल 1 साल के लिए साउथ अफ्रीका जाना था पर साउथ अफ्रीका में रह रहे भारतीयों के हक के लिए वह अगले 20 साल तक वहां पर रहे और इसी दौरान उन्होंने नटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की. और अफ्रीका में रहते हुए गांधीजी ने एक निडर civil right activist के रूप में अपनी पहचान बनाई.
और फिर गोपाल कृष्ण गोखले जोकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के एक सीनियर लीडर थे. उन्होंने गांधी जी से भारत वापस आकर अपने देश को आजाद करवाने के लिए लोगों की मदद करने की बात की. और फिर उस तरह 1915 में गांधी जी भारत वापस आए और फिर यहां आकर उन्होंने इंडियन नेशनल कांग्रेस को join किया था. और भारत की आजादी में अपना सहयोग शुरू कर दिया. और महस कुछ सालों के अंदर ही महात्मा गांधी जी भारत के लोगों के चहेते बन गए. और फिर अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने भारत के लोगों को एक किया.
और 1922 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया जिसके तहत अंग्रेजी चीजों का उपयोग करना भारतीय लोगों ने लगभग बंद कर दिया था. इसकी वजह से महात्मा गांधी जी को 2 साल की सजा हो गई थी. उसके बाद मार्च 1930 को दांडी यात्रा को भी अंजाम दिया गया जिसमें कि 60000 लोगों की गिरफ्तारी हुई. इसी तरह आगे और भी कई आंदोलन होते रहे.
और इन्हीं के साथ-साथ देश के और भी कई क्रांतिकारियों ने अपना सहयोग दिया और गांधी जी के साथ मिलकर देश को आजाद कराने के लिए अपना अहम योगदान दिया और 1947 में देश को आजाद कराने के लिए उन्होंने अपना जीवन तक न्योछावर कर दिया. और 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ. और 30 जनवरी 1948 को गांधी जी का निधन हुआ था और इस घटना ने ना केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में शोक का माहौल बना दिया था.
conclusion :
तो दोस्तों यह था महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय ( Mahatma Gandhi biography in Hindi ). गांधीजी हमेशा लोगों को अहिंसा के मार्ग पर चलने को कहते थे. महात्मा गांधी हमारे आदर्श हैं और उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा भी दिया गया है. महात्मा गांधी जी का जीवन परिचय हमें उनके आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित करता है.