भारत में हर साल महाशिवरात्रि मनाई जाती है और लोग बड़े ही जोश और उल्लास के साथ शिवजी की पूजा करते हैं. महाशिवरात्रि का यह त्यौहार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी में मनाया जाता है.
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और भगवान शिव के श्रद्धालु और भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और अपने आसपास के शिव मंदिर पर जाकर वहां पर शिवलिंग के ऊपर बेलपत्र आदि फूल चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा याचना करते हैं और साथ में लोग शिवलिंग पर दूध अर्पित करते हैं.
और इस पर्व के महत्व में ऐसा कहा जाता है कि इस दिन जो भी सच्चे मनसे श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करते हैं भगवान शिव उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. यह तो हुई महाशिवरात्रि के मनाने की बात पर कभी क्या आपके दिमाग में यह सवाल आया है कि इस दिन को महाशिवरात्रि क्यों कहा जाता है इसका क्या महत्व है ? Maha Shivaratri in Hindi
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है – Maha Shivaratri in Hindi
महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान शिव से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित है. आज यहां पर आपको उन्हीं में से एक पौराणिक कथा के बारे में जानने को मिलेगा. तो आप इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें.
भगवान शिव का मतलब ही है कल्याण. शिव ही कल्याणकारी है. शास्त्रों में भगवान शिव को महादेव कहा गया है क्योंकि महादेव समग्र जीव के स्वामी हैं. भगवान शिव की आराधना से संपूर्ण पृथ्वी में अनुशासन और प्रेम भक्ति का संचार होता है. इसी प्रकार शिवरात्रि का मतलब भगवान शिव की याद में गुजार देने वाली रात से है.
वैसे तो 1 साल में 12 शिवरात्रि आती है. जोकि कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी को आती है इनमें से माघ महीने में आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है और उन्हें लोग पूरे हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं और भगवान शिव की पूजा भी करते हैं.
महाशिवरात्रि की पौराणिक कथा
ऐसे तो महाशिवरात्रि की कई सारी पौराणिक कथा है पर आज यहां पर हम आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं.
महाशिवरात्रि के बारे में अलग-अलग पुराणों में कई कथाएं बहुत प्रचलित है. भागवत पुराण के अनुसार देवताओं और दानवों के बीच में हुए समुद्र मंथन में कई सारी ऐसी अमूल्य वस्तु उत्पन्न हुई देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन में कीमती चीजें निकली जिनको देवताओं और असुरों ने आपस में बांटा. पर जब समुद्र मंथन में से विश उत्पन्न हुआ तो कोई भी उस विष को लेने के लिए तैयार नहीं था.
वह विश समुद्र में फेलने लगा. और उसके प्रभाव से कहीं सजीवो पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा. और इस की वजह से सभी देवगण और महर्षी गण भगवान शिव के पास गए और सब शिव जी से प्रार्थना करने लगे और सजीव सृष्टी को बचाने की प्रार्थना करने लगे.
भगवान शिव दयालु है और वह तुरंत मान गए और ब्रह्मांड की रक्षा करने हेतु विष को पीकर अपनी योग शक्ति से उस विष को अपने कंठ में धारण कर लिया. इसी वजह से भगवान शिव को हम नीलकंठ के नाम से भी जानते हैं.
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शिव जी के यह कार्य से सृष्टि जीवन का बचाव हो पाया और देवताओं ने पूरी रात शिव जी के इस कार्य के गुणगान गाये. और उनको देवों के देव महादेव भी कहा. इसीलिए हम भगवान शिव को महादेव भी कहते हैं. इसी की वजह से उस दिन को महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है.
और ऐसी कई और भी महाशिवरात्रि की पौराणिक कथाएं है. जिनमें से यह काफी प्रचलित है. तो हमने आपको इसके बारे में जानकारी दी है और इस लेख को आप अपने दोस्तों को भी शेयर करें ताकि वह भी महाशिवरात्रि के महत्व और महाशिवरात्रि के पौराणिक कथा के बारे में जान सकें और यह भी जान सके कि महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है. Maha Shivaratri in Hindi.