republic day essay in Hindi – गणतंत्र दिन पर निबंध |
Republic day essay in Hindi
गणतंत्र दिवस भारत के सबसे महत्वपूर्ण तीन राष्ट्रीय पर्व ( गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती ) में से एक है. यही कारण है कि इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है.
इस विशेष दिन को देशभर में काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. 26 जनवरी के दिन मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस के पर्व पर पूरे देश भर में परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. भारतीय गणतंत्र दिवस सभी भारतीयों के लिए बहुत ही खास अवसर होता है.
क्योंकि यह दिन हमें अपने देश में स्थापित गणतंत्र और संविधान के महत्व समझाता है अतः यह और भी आवश्यक हो जाता है कि इस विशेष दिन को उचित सम्मान दें और इसे साथ मिलकर मनाएं ताकि हमारे देश की एकता और अखंडता जिसके लिए कहीं वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी है इसी प्रकार से बनी रहे.
गणतंत्र का अर्थ
गणतंत्र हमारे सभी अधिकारों का रक्षक है हमें हमारे देश के लोकतंत्र पर गर्व है.
गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र और प्रजातंत्र भी कहते हैं. और इसका अर्थ यह है की प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन.
जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ था उसी दिन के महत्व को समझते हुए उसी दिन को गणतंत्र दिवस कहा गया. हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था इसलिए इस तारीख को एक गणतंत्र दिवस कहा गया.
सन 1947 से संविधान बनना शुरू हो गया था और दिसंबर 1949 में बनकर तैयार हो गया था इस संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था तभी से हर साल 26 जनवरी हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है.
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गणतंत्र दिवस मनाने का कारण
जब भारत के आजाद होने के बाद भी भारत पर किसी और देश का संविधान लागू था और सभी उसी के आधार पर शासन चला रहे थे लेकिन देश के कुछ महान लोगों को यह लगा कि देश की प्रगति के लिए अपना संविधान होना अति आवश्यक है.
कुछ महान विद्वानों की देखरेख में भारत का अपना संविधान लिखा गया और 26 जनवरी 1950 से इसे लागू किया गया.
केवल संविधान को लागू करना 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने का एकमात्र कारण नहीं है. हालांकि इसके अलावा इस दिन का एक और इतिहास भी है जिसे शायद बहुत कम लोग जानते हैं.
इस दिन लाहौर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में पंडित नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गई थी कि यदि 26 जनवरी 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन अर्थात स्व शासित राज्य नहीं बनाया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णता स्वतंत्र मान लेगा.
लेकिन जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नहीं दिया गया तो कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया. यही कारण है कि जब हमारा देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी का दिन ही संविधान स्थापना के लिए चुना गया और फिर गणतंत्र दिवस के लिए इस दिन का चुनाव हुआ.
गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत के गणतंत्र दिवस का इतिहास बहुत ही रोचक है. इसकी शुरुआत तब हुई जब 1929 में लाहौर में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुए कांग्रेस अधिवेशन के दौरान या प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार भारत को डोमिनियन स्टेटस नहीं प्रदान करते तो भारत अपने आप को पूर्णता स्वतंत्र घोषित कर देगा.
तब कांग्रेस ने पहली बार पूर्ण स्वराज की मांग रखी थी. इसके बाद जब 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी हुकूमत ने कांग्रेस के इस मांग का कोई जवाब नहीं दिया तो उस दिन से कांग्रेस ने पूर्ण स्वतंत्रता के निश्चय के लिए अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया.
तभी से हर साल 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस मनाया जाता था. लेकिन 15 अगस्त 19 47 को देश के स्वतंत्र होने की वजह से 15 अगस्त को ही स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था.
लेकिन भारत सरकार 26 जनवरी की गरिमा को बनाए रखना चाहती थी. इसीलिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू करने का निश्चय किया और फिर इस दिन हमारे देश में भारत सरकार ने अधिनियम को हटाकर भारत के संविधान को लागू किया.
तब से इसी के उपलक्ष्य में हमारे देश के संविधान और गणतंत्र को सम्मान प्रदान करने के लिए हर वर्ष 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम मनाया जाता है.
conclusion :
तो आज के इस लेख में हमने आपको 26 जनवरी पर निबंध ( essay on republic day in Hindi ) के बारे में बताया. और आपको गणतंत्र का अर्थ क्या होता है और गणतंत्र दिवस का इतिहास क्या है इसके बारे में हमने बात की है.
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